रिपोर्ट तैयार करते-करते कहीं देर न हो जाए

 भोपाल अब तो कार्यकर्ताओं से लेकर आमजन तक को लगने लगा है कि यह सिर्फ बातें हैं बातों का या। इसकी वजह है अब तक किसी भी तरह का कोई कदम नहीं उठाया जाना। वैसे भी अब प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने में महज सात माह का समय रह गया है। ऐसे में कार्यकर्ताओं से लेकर जनता तक में निराशा का भाव बढ़ता ही जा रहा है। सूबे के मंत्रियों व विधायकों को लेकर संगठन बीते एक साल से परफॉर्मेंस का आंकलन करने में लगा हुआ है। इसके बाद भी आंकलन है की पूरा नहीं हो पा रहा है। इसकी वजह से अब तो राजनैतिक कि कहीं इस मामले में देर नहीं हो जाए। दरअसल अब तो कार्यकर्ताओं से लेकर आमजन तक को भी लगने लगा है कि यह सिर्फ बातें हैं बातों का या। इसकी वजह है अब तक किसी भी तरह का कोई कदम नहीं उठाया जाना। वैसे भी अब प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने में महज सात माह का समय रह गया है। ऐसे में कार्यकर्ताओं से लेकर जनता तक में निराशा का भाव बढ़ता ही जा रहा है। न तो कार्यकर्ताओं को साा में भागीदारी मिल सकी है और न ही आम जनता को सुशासन का अनुभव हो पा रहा है। ऐसे में संगठन व सरकार द्वारा हर कभी मंत्रियों व विधायकों के साथ होने वाली समीक्षा बैठकों और विचार मंथनों पर ही सवाल खड़े होने लगे हैं। लगातार जारी इस तरह की कवायद के बाद भी न तो प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार हो सका है और न ही मैदानी स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं को पार्टी के सत्ता में होने का अहसास हो पा रहा है। जनता के तो ठीक कार्यकर्ता अपने ही व्यक्तिगत काम तक नहीं करा पा रहे हैं। तमाम सर्वे से लेकर पार्टी के आंकलन में अब तक करीब आधे विधायक और अधिकांश मंत्री पार्टी की मंशा पर खरे नहीं उतरे हैं , फिर भी उन्हें महज नसीहत का ही डोज पिलाया जा रहा है। ऐसे में एक बार फिर से केन्द्र स्तर  पर अब प्रदेश में साा-संगठन के विभिन्न नेताओं और मैदानी कार्यकताओं के साथ विचार मंथन कर मंत्री-विधायकों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट तैयार करने की कवायद कर रहा है। पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल और प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव स्वयं प्रदेश के विभिन्न जिलों में घूम कर जनप्रतिनिधियों की सक्रियता और जनता के बीच उनकी साख का आंकलन कर चुके हैं। दो दिन पहले भी रविवार को मंत्रियों की बैठक के दौरान भी सभी से निर्धारित फार्मेट में उनकी सक्रियता का यौरा मांगा गया था। पहले यह बैठक सीएम हाउस में होना थी, लेकिन बाद में बैठक भाजपा मुयालय में बुला ली गई थी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि टिकट वितरण में नेताओं की सक्रियता का यह रिपोर्ट कार्ड मुय भूमिका निभाएगा। प्रदेश में संगठन की ओर से कार्यकताओं की नाराजी दूर करने के लिए 

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